मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) द्वारा एमपी प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन 10 नंबर 2024 से प्रारम्भ होगा। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन 02 पाली में किया जायेगा, पहली पाली का समय सुबह 7 बजे से और दूसरी पाली का समय दोपहर 12:30 बजे से रहेगा। योग्य आवेदक 01 अक्टूबर 2024 से ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते है। इस पोस्ट में मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा सिलेबस और परीक्षा पैटर्न की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी भाषा में विस्तार से दी गई है, जिसकी सहायता से आप अपनी तैयारी कर सकते है।
MPTET Varg 3 Exam Pattern 2024
मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्रश्न पत्र कुल 150 अंको का होगा जिसके लिए आवेदको को 2:30 घंटे का समय दिया जायेगा। प्रत्येक पश्न के लिए 1 अंक निर्धारित रहेगा। इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं रहेगी। MPTET Varg 3 परीक्षा बहुविकल्पीय होगी या प्रत्येक प्रश्न के लिए 4 उत्तर विकल्प दिए जायेंगे, आवेदक को सही उत्तर का चुनाव करना होगा। निचे दिए गए टेबल में आप विषय अनुसार प्रश्नो की संख्या और कुल अंक चेक कर सकते है।
भाग | विषयवस्तु (सभी अनिवार्य) | प्रश्नो की संख्या | कुल अंक |
---|---|---|---|
1 | बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र (Child Development & Pedagogy) | 30 | 30 |
2 | भाषा-1 (Language-1) | 30 | 30 |
3 | भाषा-2 (Language-2) | 30 | 30 |
4 | गणित (Mathematics) | 30 | 30 |
5 | पर्यावरण अध्ययन (Environmental Study) | 30 | 30 |
कुल प्रश्न | 150 | 150 |
एमपी प्राइमरी टीचर भर्ती परीक्षा के प्रश्नो की प्रकृति एवं स्तर
- बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र के अंतर्गत 6-11 वर्ष आयु समूह के शिक्षण एवं सीखने के शैक्षणिक मनोविज्ञान पर आधारित होंगे, जो विशेषताओं की समझ, आवश्यकताएँ, विभिन्न प्रकार के शिक्षार्थियों का मनोविज्ञान, शिक्षार्थियों के साथ संवाद और सिखाने हेतु अच्छे Facilitator की विशेषताएँ एवं गुणों पर आधारित होंगे।
- भाषा-1 के अंतर्गत आवेदन पत्र में चुनी गई भाषा के मायने में प्रवीणता (Proficiency) पर आधारित होंगे।
- भाषा-2, भाषा-1 से अलग होगी। आवेदक आवेदन पत्र में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू में से कोई भी भाषा चुन सकते हैं और आवेदन पत्र में चुनी गई भाषा के अंतर्गत ही हल कर सकेंगे। भाषा-2 के अंतर्गत भाषा के स्वरूप, संप्रेषण और समझने की क्षमता पर आधारित होंगे।
- गणित एवं पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत विषय की अवधारणा, समस्या समाधान और शिक्षण की समझ पर आधारित होंगे।
अतिरिक्त जानकारी:
- प्रश्न पत्र के प्रश्न राज्य के कक्षा 1 से 5 तक के चलित पाठ्यक्रम या पाठ्यपुस्तक के विषयों पर आधारित होंगे। हालांकि, प्रश्नों का कठिनाई स्तर और गहराई उच्चतर माध्यमिक स्तर तक की हो सकती है।
MPTET Varg 3 Syllabus 2024
आगे विषय अनुसार सिलेबस की जानकारी दी गई है-
(1) बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र (Child Development & Pedagogy) सिलेबस- 30 प्रश्न
बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र में कुल 30 प्रश्न होंगे, जिसमे 15 प्रश्न बाल विकास विषय से, 5 प्रश्न समावेशित शिक्षा की अवधारणा एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चो की समझ विषय से और 10 प्रश्न अधिगम और शिक्षा शास्त्र (पेडागाजी) विषय से होंगे। इन तीनो विषय के विस्तृत सिलेबस की जानकारी निचे दी गई है।
बाल विकास विषय सिलेबस-
- बाल विकास की अवधारणा एवं इसका अधिगम से संबंध
- विकास और विकास को प्रभावित करने वाले कारक
- बाल विकास के सिद्धांत
- बालक का मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार संबंधी समस्याएँ
- वंशानुक्रम एवं वातावरण का प्रभाव
- समाजीकरण प्रक्रियाएँ: सामाजिक जगत एवं बच्चे (शिक्षक, अभिभावक, साथी)
- पियाजे, पावलव, कोहलर और थॉर्नडाइक के सिद्धांत: रचना एवं आलोचनात्मक पक्ष
- बालक के प्रति और गतिकी शिक्षा की अवधारणा
- बुद्धि की रचना का आलोचनात्मक पक्ष और उसका मापन, बहुआयामी बुद्धि
- व्यक्तित्व और उसका मापन
- भाषा और विचार
- सामाजिक निर्माण के रूप में लिंग, लिंग की भूमिका, लैंगिक भेदभाव और शैक्षिक स्थिति
- अधिगम की व्यक्तिगत विभिन्नताएँ: भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि पर आधारित भिन्नता की समझ
- अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन में अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन, सतत एवं समग्र मूल्यांकन: स्वरूप और आवश्यकता
- अधिगम की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन हेतु उपयुक्त साधनों का निर्माण, कक्षा में अधिगम को बढ़ाने हेतु आलोचनात्मक चिंतन तथा अधिगम की उपलब्धियों का मूल्यांकन
समावेशित शिक्षा की अवधारणा एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चो की समझ विषय सिलेबस-
- अलाभान्वित एवं वंचित वर्ग सहित विविध पृष्ठभूमियों के अधिगमकर्ताओं की पहचान
- अधिगम कठिनाइयाँ, ‘गति’ आदि से ग्रस्त बच्चों की आवश्यकताओं की पहचान
- प्रतिभावान, सृजनात्मक, विशेष क्षमता वाले अधिगमकर्ताओं की पहचान
- समस्यात्मक बालक: पहचान एवं निदानात्मक पक्ष
- बाल अपराध: कारण एवं प्रकार
अधिगम और शिक्षा शास्त्र (पेडागाजी) विषय सिलेबस-
- बच्चे कैसे सोचते और सीखते हैं, बच्चे विद्यालयी जीवन में सफलता प्राप्त करने में सक्षम और असक्षम क्यों होते हैं
- शिक्षण और अधिगम की मूलभूत प्रक्रियाएँ, बच्चों की अधिगम रणनीतियाँ, अधिगम एक सामाजिक क्रिया के रूप में, अधिगम का सामाजिक संदर्भ
- समस्या समाधानकर्ता और वैज्ञानिक-अन्वेषक के रूप में बच्चे
- बच्चों में अधिगम की वैकल्पिक धारणाएँ, बच्चों की गलतियों को अधिगम प्रक्रिया में सार्थक कड़ी के रूप में समझना
- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक: ध्यान और चिंतन
- संज्ञान और संवेग
- अभिप्रेरणा और अधिगम
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक – व्यक्तिगत और पर्यावरणीय
- निर्देशन एवं परामर्श
- अभिवृत्ति और उसका मापन
- स्मृति और विमृति
(2) हिंदी भाषा सिलेबस- 30 प्रश्न
हिंदी भाषा विषय के अंतर्गत 15 प्रश्न भाषायी समझ/ अवबोध विषय से और 15 प्रश्न भाषायी विकास हेतु निर्धारित शिक्षा शास्त्र विषय से पूछे जायेंगे। आगे दोनों विषय के बारे में विस्तार से बतया गया है।
भाषायी समझ/ अवबोध विषय सिलेबस–
- भाषायी समझ के लिए दो अपठित गद्यांश दिए जाएंगे, जिनमें एक नाटक, घटना, निबंध, कहानी आदि से होगा और दूसरा अपठित पत्र के रूप में। इस अपठित पाठ से समझ, व्याकरण एवं मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
- गद्यांश साहित्यिक, वैज्ञानिक, सामाजिक समरसता या तात्कालिक घटना पर आधारित हो सकते हैं।
भाषायी विकास हेतु निर्धारित शिक्षा शास्त्र विषय सिलेबस–
- भाषा सीखना और ग्रहणशीलता
- भाषा शिक्षण के सिद्धांत
- भाषा शिक्षण में सुनने और बोलने की भूमिका, भाषा के कार्य, बच्चे भाषा का उपयोग कैसे करते हैं
- मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति के अंतर्गत भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका
- भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनौतियाँ, कठिनाइयाँ, गलतियाँ एवं समस्याएँ
- भाषा के चार कौशल (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) का मूल्यांकन
- कक्षा में शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्यपुस्तक, दूरसंचार सामग्री का उपयोग
- पुनः शिक्षण
(3) इंग्लिश भाषा सिलेबस- 30 प्रश्न
इंग्लिश भाषा विषय में 15 प्रश्न Comprehension विषय से और 15 प्रश्न Pedagogy of Language Development विषय से पूछे जायेंगे। निचे विस्तृत जानकारी देख सकते है –
Comprehension विषय सिलेबस
- Two unseen prose passages (discursive, literary, narrative, or scientific) with questions on comprehension, grammar, and verbal ability.
Pedagogy of Language Development विषय सिलेबस
- Learning and acquisition of language
- Principles of second language teaching
- Language skills: listening, speaking, reading, writing
- Role of listening and speaking, function of language, and how children use it as a tool
- The role of grammar in learning a language for communicating ideas verbally and in written form
- Challenges of teaching language in a diverse classroom, language difficulties
- Teaching-learning materials: textbooks, multimedia materials, and multilingual resources in the classroom
- Evaluating language comprehension and proficiency: listening, speaking, reading, and writing
- Remedial teaching (Re-teaching)
(4) संस्कृत भाषा सिलेबस- 30 प्रश्न
संस्कृत भाषा विषय के अंतर्गत 15 प्रश्न भाषायी समझ/ अवबोध विषय से और 15 प्रश्न भाषायी विकास हेतु निर्धारित शिक्षा शास्त्र विषय से पूछे जायेंगे। आगे दोनों विषय के बारे में विस्तार से बतया गया है।
भाषायी समझ/ अवबोध विषय सिलेबस–
- भाषायी समझ के लिए दो अपठित गद्यांश दिए जाएंगे, जिनमें एक नाटक, घटना, निबंध, कहानी आदि से होगा और दूसरा अपठित पत्र के रूप में। इस अपठित पाठ से समझ, व्याकरण एवं मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
- गद्यांश साहित्यिक, वैज्ञानिक, सामाजिक समरसता या तात्कालिक घटना पर आधारित हो सकते हैं।
भाषायी विकास हेतु निर्धारित शिक्षा शास्त्र विषय सिलेबस–
- भाषा सीखना और ग्रहणशीलता
- भाषा शिक्षण के सिद्धांत
- भाषा शिक्षण में सुनने और बोलने की भूमिका, भाषा के कार्य, बच्चे भाषा का उपयोग कैसे करते हैं
- मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति के अंतर्गत भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका
- भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनौतियाँ, कठिनाइयाँ, गलतियाँ एवं समस्याएँ
- भाषा के चार कौशल (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) का मूल्यांकन
- कक्षा में शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्यपुस्तक, दूरसंचार सामग्री का उपयोग
- पुनः शिक्षण
(5) गणित सिलेबस- 30 प्रश्न
इसमें 15 प्रश्न विषयवस्तु से और 15 पेडागोजिकल issue से सम्बंधित होंगे, जिनकी जानकारी विस्तार से निचे दी गई है।
गणित विषयवस्तु विषय सिलेबस–
- 1000 से बड़ी संख्या को पढ़ना और लिखना, 1000 से बड़ी संख्या पर स्थानिक मान की समझ एवं चार मूलभूत संक्रियाएँ:
- जोड़ना और घटाना – पाँच अंकों तक की संख्या का जोड़ना और घटाना
- गुणा – 2 या 3 अंकों की संख्या का गुणा करना
- भाग – दो अंकों वाली संख्या से चार अंकों वाली संख्या में भाग देना
- भिन्न – भिन्न की अवधारणा, सरलतम भिन्न, समभिन्न, विषम भिन्न आदि, भिन्न का जोड़ना, घटाना, गुणा और भाग, समतुल्य भिन्न, भिन्न को दशमलव में तथा दशमलव संख्या को भिन्न में लिखना
- सामयिकता: योग होने वाली लंबाई, भार, आयतन की बड़ी और छोटी इकाइयों में संबंध
- बड़ी इकाइयों को छोटी इकाइयों में तथा छोटी इकाइयों को बड़ी इकाइयों में बदलना
- ठोस वस्तु का आयतन ज्ञात करना
- पैसा, लंबाई, भार, आयतन तथा समय अंतराल से संबंधित चार मूल गणितीय संख्याओं का उपयोग करना
- मीटर को सेंटीमीटर और सेंटीमीटर को मीटर में बदलना
- पैटर्न – संख्या से संबंधित पैटर्न को समझना, आगे बढ़ाना, पैटर्न तैयार करना और उसका संख्या के आधार पर समायोजन करना, बहुभुजीय संख्या तथा अन्य संख्या के पैटर्न पहचानना
- ज्यामितीय – मूल ज्यामितीय अवधारणाएँ, त्रिकोण, रेखाखंड, कोण (कोण का वर्गीकरण), भुज, (भुज का वर्गीकरण – (1) भुजा के आधार पर (2) कोण के आधार पर त्रिभुज के तीन कोण का योग 180° होता है)
- वृत्त की परिधि, व्यास तथा त्रिज्या की पहचान और समझ
- वृत्त, व्यास और त्रिज्या में पारंपरिक संबंध, सममित आकृति, प्रवेश आधार पर समानांतर रेखा और लंबवत रेखा की समझ
- सरल ज्यामितीय आकृतियाँ (त्रिभुज, आयत, वर्ग) का क्षेत्रफल और परिमाप ज्ञात करना
- प्रवेश की 2D आकृतियों की पहचान
- दैनिक जीवन से संबंधित विभिन्न आंकड़ों को एक करना
- घड़ी के समय को घंटे और मिनट में पढ़ना और AM तथा PM के रूप में करना
- 24 घंटे की घड़ी का 12 घंटे की घड़ी से संबंध
- दैनिक जीवन की घटनाओं में लगने वाले समय अंतराल की गणना
- गुणा और भाग में पैटर्न की पहचान
- सममित पर आधारित ज्यामितीय पैटर्न
- डॉट आलेख के माध्यम से दर्शाना और उससे निष्कर्ष निकालना
पेडागोजिकल issue विषय सिलेबस–
गणित शिक्षा द्वारा चिंतन एवं तकनीक का विकास करना:
- पाठ्यक्रम में गणित का स्थान
- गणित की भाषा
- भावी शिक्षा हेतु प्रवेश आधारित उपयुक्त शैक्षिक सहायक सामग्री का निर्माण एवं उसका उपयोग करने की क्षमता का विकास करना
- मूल्यांकन की नवीन विधियाँ, निदानात्मक परिणाम एवं पुनः शिक्षण की क्षमता का विकास करना
- गणित शिक्षा की नवीन विधियों का शिक्षण में उपयोग करने की क्षमता
(6) पर्यावरण अध्ययन (Environmental Study) विषय सिलेबस
पर्यावरण विषय के अंतर्गत सम्बंधित विषयवस्तु से 20 प्रश्न पेडागोजिकल मुद्दे से 10 प्रश्न पूछे जायेंगे, जिनकी जानकारी आगे दी गई है।
पर्यावरण अध्ययन विषयवस्तु सिलेबस-
हमारा परिवार, हमारे मित्र:
- परिवार और समाज से सहसंबंध: परिवार के बड़े-बूढ़े, बीमार, किशोर, विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों की देखभाल और उनके प्रति हमारी संवेदनशीलता।
- हमारे पशु: हमारे पालतू पशु, माल वाहक पशु, हमारे आस-पास के पर्यावरण में जीव-जंतु, जानवरों पर प्रदूषण का प्रभाव।
- हमारे पेड़-पौधे:स्थानीय पेड़-पौधे, पेड़-पौधों एवं मनुष्य की आपसी निर्भरता, वन की सुरक्षा और उनकी आवश्यकता एवं महत्व, पेड़-पौधों पर प्रदूषण का प्रभाव।
- हमारे प्राकृतिक संसाधन: मुख्य प्राकृतिक संसाधन, उनका संरक्षण, ऊर्जा के पारंपरिक और नवीनीकरण एवं अवनवीकरण स्रोत।
खेल एवं कार्य:
- खेल, व्यायाम और योगासन।
- पारिवारिक उत्सव:
- विभिन्न मनोरंजन के साधन – किताबें, कहानियाँ, कठपुतली, मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं दिवस को विद्यालय में मनाना।
- विभिन्न कामधंधे, उद्योग और व्यवसाय।
आवास:
- पशु, पक्षी और मानव के विभिन्न आवास:
- आवास की आवश्यकता और जीवन के लिए आवास की विशेषताएँ।
- स्थानीय इमारतों की सुरक्षा, सार्वजनिक संपत्ति, राष्ट्रीय धरोहर और उनकी देखभाल।
- उम आवास और उसके निर्माण में उपयोग सामग्री, निर्माण सामग्री की गणना करना।
- शौचालय की स्वच्छता, परिसर की साफ-सफाई और अच्छी आदत।
हमारा भोजन और आदत:
- भोजन की आवश्यकता, भोजन के घटक।
- फल एवं सब्जियों का महत्व, पौधों के अंगों के अनुसार फल, सब्जियाँ।
- भोजन पदार्थ का वैविध्यपूर्ण संयोजन।
- विभिन्न प्रकार के आहार का सही समय।
- उम स्वास्थ्य हेतु भोजन की स्वच्छता और सुरक्षा के उपाय।
- खाद्य संसाधनों की सुरक्षा।
पानी और हवा प्रदूषण एवं संरक्षण:
- जीवन के लिए स्वच्छ पानी और स्वच्छ हवा की आवश्यकता।
- स्थानीय मौसम, जल चक्र और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और जलवायु परिवर्तन में हमारी भूमिका।
- पानी के स्रोत, उसके सुचारू रखरखाव और संरक्षण एवं पोषण के तरीके।
- स्वच्छ वायु एवं पानी से होने वाले रोग, उनका उपचार और बचाव, एवं संक्रामक रोग।
- हवा, पानी, भूमि का प्रदूषण और उससे सुरक्षा, विभिन्न अपशिष्ट पदार्थ और उनका बंधन, उचित निस्तारण।
- भूकंप, बाढ़, सूखा आदि आपदाओं से सुरक्षा और बचाव के उपाय, आपदा बंधन।
- प्राकृतिक संसाधनों का समुचित बंधन – संसाधनों का उचित दोहन, डीजल, पेट्रोलियम खपत एवं संरक्षण।
प्राकृतिक वस्तुएँ और उपज:
- मिट्टी, पानी, बीज और फसल का संबंध, जैविक-रासायनिक खाद।
- विभिन्न फसलें, उनके उत्पादक।
- फसल उत्पादन के लिए आवश्यक कृषि कार्य और उपकरण।
मानव निर्मित साधन एवं उसके क्रियाकलापों का प्रभाव:
- वन की कटाई और शहरीकरण, पारिस्थितिक संतुलन पर प्रभाव।
- ओजोन क्षय, अम्लीय वर्षा, ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीनहाउस प्रभाव आदि के वैज्ञानिक कारण एवं निदान।
- प्लास्टिक, लघु उपयोग और उनका अपघटन अपमाजनक।
- जीवों में ईंधन के योग का प्रभाव।
- आपदा बंधन।
अंतर विज्ञान:
- अंतरिक्ष वैज्ञानिको का परिचय, उनके अंतरिक्ष में जीवन बिताने का अनुभव।
- अंतरिक्ष जीवन के वैज्ञानिक तथ्य, जीवन की संभावनाएं
- अंतरिक्ष यान, अंतरिक्ष खोजे एवं भविष्यवाणियां
पेडागोजिकल मुद्दे विषय से सिलेबस–
- पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा और उसकी आवश्यकता।
- पर्यावरण अध्ययन का महत्व, समेकित पर्यावरणीय शिक्षा।
- पर्यावरणीय शिक्षा के सूक्ष्म और दायित्व।
- पर्यावरणीय शिक्षा का विज्ञान और सामाजिक विज्ञान से संबंध।
- अवधारणा के पीकरण हेतु विधियाँ और गतिविधियाँ।
- परवेशीय मण, योगात्मक कार्य, प्रोजेक्ट कार्य और उनका महत्व।
- चर्चा, परिचर्चा, तर्क-वितर्क और समूह शिक्षा तथा से सीखना।
- सतत-प्रकृत्त मूल्यांकन – शिक्षा के दौरान पूछताछ, मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति के अवसर देना, वर्कशीट्स और एनडॉटल रिकॉर्ड का उपयोग, बच्चों के पोर्टफोलियो का विकास करना, केस स्टडी और गतिविधि फ़ाइल से शिक्षा विधाएँ।
- पर्यावरणीय शिक्षा में शिक्षा सामग्री/सहायक सामग्री और उसका अनुप्रयोग।
- स्थानीय परिवेश की पर्यावरणीय समस्याएँ और उनके समाधान खोजने की आवश्यकता का विकास।
MPTET Varg 3 Syllabus 2024 डाउनलोड कैसे करे?
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